सूक्ष्म कथाएं
कथा फैमिली
सन् 2011
एक छोटा सा शहर रतलाम में एक छोटा सा घर था , इस घर में सिर्फ 2 लोग रहते थे सिर्फ 2 ही क्यों ? क्योकि ये उन 4 बच्चो के माँ - बाप थे जिन्होंने उन्हें इसलिए छोर दिया क्योकि वे मॉडर्न नही थे ।
सन् 2074
सरकार ने ओल्ड ऐज हाउस (यानि वो घर जहा सिर्फ बूढ़े लोग रहते है)
की बढ़ी हुई संख्या पर चिंता जताई और नई पीढ़ी से उम्मीद जताई की वो अपने परिवार वालो का ख्याल रखे ।
पर नई पीढ़ी का मानना यह है की " जब हमारे पेरेंट्स ने अपने पेरेंट्स की क़द्र नही की तो हम क्यों करे " वे आज वही भोग रहे है जो उनके पेरेंट्स भोग रहे थे
ये बस एक साइकिल है जिसमे इतिहास खुद को दोहरा रहा है ।
अब फैसला आपका/
सूक्ष्म कहानी २
बहन
राजू हर साल की तरह इस साल भी अकेला और उदास था क्योकि आज रक्षा बंधन है और उसको राखी बांधने वाला कोई नही है । राजू महज 5 साल का था पर समझता था बहन क्या होती है वो रोता - रोता माँ के पास गया और पूछने लगा ।
राजू : माँ मेरी कोई बहन नही है ऐसा क्यों ?
माँ ने कुछ नही कहा वो किचन के कोने में जा के रोने लगी और याद करने लगी उन बातो को जो दुखद ही नही कष्टदायक है क्योकि उस माँ ने एक लड़के की चाहत में 3 लडकियों को गर्भपात से मरवा दिया ।
पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चो का भला सोचते है पर कभी कभी उन भलो में छुपी दर्द किसी को नजर नही आते क्योकि हम कभी कभी मतलबी हो जाते है ।
🤫
17-Aug-2021 06:21 AM
Nice.....!!
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Sahil writer
16-Aug-2021 05:27 PM
Nice
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